बुधवार, 11 फ़रवरी 2009

मैं अकेली

क्यों जीवन के मोड़ पर /हर बार /छूट जाता है एक साथी /क्यों ममता का कोमल स्पर्श /मुझे नहीं मिला कभी /जिन्होंने देखे थे /मेरे भविष्य के लिए सपने /एक-एक कर छूटते गए सभी /रह गई मैं अकेली /शून्य में तैरती /सन्नाटों में बिखरती /...विधाता तूने मेरी नियति /कौन सी लेखनी से लिखी ?

4 टिप्‍पणियां: