तुमने नहीं किया वादा
ज़िन्दगी भर साथ निभाने का
फिर भी उसने
तुम्हारा साथ दिया,
प्यार करता हूँ
ये भी नहीं कहा तुमने
पर उसने शिद्दत से
तुम्हें प्यार किया
तुमने नहीं कहा
लौट के आने के लिये
तब भी उसने
इन्तज़ार किया
मिल गया तुम्हें कोई और साथी
पर उसे तुमसे शिकायत नहीं
अब भी वह
आस लगाये बैठी है
कि तुम कभी तो
कह दो उससे
कि तुमने
एक पल के लिये सही
एक बार उसे प्यार किया
मैं खीझ जाती हूँ
उसकी दीवानगी पर
धोखे पर धोखा खाती है
पर प्रेम में पागल हुई
जाती है
फिर सोचती हूँ
कि ये पागलपन न होता
तो कितने दिन चलती दुनिया,
छली पुरुष से त्रस्त
ये सृष्टि
औरतों के प्यार पर ही तो टिकी है
धोखा खाती है
और प्यार करती है
दर्द सहती है
और सृजन करती है
हाँ,
औरत पागल होती है
दीवानी होती है.
ज़िन्दगी भर साथ निभाने का
फिर भी उसने
तुम्हारा साथ दिया,
प्यार करता हूँ
ये भी नहीं कहा तुमने
पर उसने शिद्दत से
तुम्हें प्यार किया
तुमने नहीं कहा
लौट के आने के लिये
तब भी उसने
इन्तज़ार किया
मिल गया तुम्हें कोई और साथी
पर उसे तुमसे शिकायत नहीं
अब भी वह
आस लगाये बैठी है
कि तुम कभी तो
कह दो उससे
कि तुमने
एक पल के लिये सही
एक बार उसे प्यार किया
मैं खीझ जाती हूँ
उसकी दीवानगी पर
धोखे पर धोखा खाती है
पर प्रेम में पागल हुई
जाती है
फिर सोचती हूँ
कि ये पागलपन न होता
तो कितने दिन चलती दुनिया,
छली पुरुष से त्रस्त
ये सृष्टि
औरतों के प्यार पर ही तो टिकी है
धोखा खाती है
और प्यार करती है
दर्द सहती है
और सृजन करती है
हाँ,
औरत पागल होती है
दीवानी होती है.