सोमवार, 30 नवंबर 2009

औरत पागल होती है (emotional fool)

तुमने नहीं किया वादा
ज़िन्दगी भर साथ निभाने का
फिर भी उसने
तुम्हारा साथ दिया,
प्यार करता हूँ
ये भी नहीं कहा तुमने
पर उसने शिद्दत से
तुम्हें प्यार किया
तुमने नहीं कहा
लौट के आने के लिये
तब भी उसने
इन्तज़ार किया
मिल गया तुम्हें कोई और साथी
पर उसे तुमसे शिकायत नहीं
अब भी वह
आस लगाये बैठी है
कि तुम कभी तो
कह दो उससे
कि तुमने
एक पल के लिये सही
एक बार उसे प्यार किया
मैं खीझ जाती हूँ
उसकी दीवानगी पर
धोखे पर धोखा खाती है
पर प्रेम में पागल हुई
जाती है
फिर सोचती हूँ
कि ये पागलपन न होता
तो कितने दिन चलती दुनिया,
छली पुरुष से त्रस्त
ये सृष्टि
औरतों के प्यार पर ही तो टिकी है
धोखा खाती है
और प्यार करती है
दर्द सहती है
और सृजन करती है
हाँ,
औरत पागल होती है
दीवानी होती है.

गुरुवार, 26 नवंबर 2009

मेरी बच्ची

तुझे दूँगी वो सारी खुशियाँ
जो मुझे नहीं मिलीं
तेरी ज़िन्दगी को
ऐसे मैं संवारुँगी
तुझे रखूँगी
पलकों की छाँव में
ग़म की हर धूप से
बचा लूँगी
कैसे बचाउँगी
शैतानों की नज़रों से तुझे
अभी से सोचकर
डर लगता है
कि मेरी ही तरह तुझे भी
जाने क्या-क्या सहना होगा
पर अपनी पहचान बनाने के लिये
मेरी बच्ची
तुझे खुद ही लड़ना होगा
ज़िन्दगी की
कड़वी सच्चाइयाँ
रुलायेंगी तुझे
पर वे ही मुझ जैसा
मजबूत बनायेंगी तुझे