एक स्त्री के मन से निकले कुछ शब्द, कुछ प्रश्न और तमाम अटपटी-अनकही-अनसुलझी बातें...
यही दुनिया हो गई है.
aapne waqt ki nabz par haath rakh diya hai....afsos.............sachmuch ek chehre pe kai chehre nazar aane lage hainACHHI KAVITA BADHAAI !
पहचान छुपाते लोगो मे तो खुद की पहचान भी खो जाती है.सार्थक प्रश्न उकेरती अच्छी कविता
यही दुनिया हो गई है.
जवाब देंहटाएंaapne waqt ki nabz par haath rakh diya hai....
जवाब देंहटाएंafsos.............
sachmuch ek chehre pe kai chehre nazar aane lage hain
ACHHI KAVITA
BADHAAI !
पहचान छुपाते लोगो मे तो खुद की पहचान भी खो जाती है.
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रश्न उकेरती अच्छी कविता