सोमवार, 26 जनवरी 2009
लालकिला और केवट -बस्ती
टूटी खटिया,फूटी हाँडी/एक अदद फटी कथरी /जिस पर हर हफ्ते ही /पैबंद लगाया जाता है ।/ पेट फुलाए, दुबले -पतले /गंदे -अधनंगे बच्चे /जिनको इस एक कथरी पर /इक साथ सुलाया जाता है । /दिन भर में बस एक जून ही /घर में खाना पकता है /दिन भर में बस एक बार /ये चूल्हा जलाया जाता है। /देश चलाने वालों एक दिन /केवट -बस्ती में आकर देखो /घोर अभावों में भी जीवन /कैसे बिताया जाता है। / राजपथ पर परेड भी होगी /झाँकी होगी ,बाजे भी /इन्हें नहीं मालूम /गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है। लालकिले से केवट -बस्ती की /दूरी को जल्दी पाटो/बापू का इक मन्त्र आज/फिर -फिर यह दोहराता है ।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
आपको एवं आपके परिवार को गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर.... गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं...!
जवाब देंहटाएंkabhi to khul ke baras abra-e-meharbaan kee tarah..
जवाब देंहटाएं