शनिवार, 10 जनवरी 2009

घोंसला

चुन-चुन कर लाऊँगी तिनके/ और उनको करीने से डाली पर लगा दूंगी / बाँध दूंगी दूब की डोर से उसे / इस तरह आंधी-पानी से बचा लूंगी / अपने नर्म पंखों में बच्चों को छिपाकर/भविष्य नया दूँगी / चिड़िया ही सही माँ हूँ मैं / एक घोंसला मैं भी बना लूंगी ।

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