सोमवार, 19 जनवरी 2009

मुक्ति

आदर्श नारी की परिभाषा गढ़ते /समाज के ठेकेदारों से ,/बेटों को महिमामंडित करते /व्रतों और त्योहारों से ,/ प्रतिभा को कुंठित करने वाले/ बंद समाजों से, /दहेज़ ,भ्रूण -हत्या जैसे /सड़े-गले रीति -रिवाजों से, /नारी को नारीत्व प्रदान करते /"ब्यूटी-प्रोडक्ट्स" से, / बेटियों को घर में बंद करने वाले /"कोड ऑफ़ कंडक्ट"से, /बिंदिया से ,काजल से ,/पायल से ,करधन से ,/चूड़ी की खन-खन से, /बाजूबंद और कंगन से, /झूठी सज-धज से ,/बनावटी बनठन से, /मुझे चाहिए मुक्ति /अनुशासन से नहीं /बंधन से .

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