बुधवार, 27 जनवरी 2010

आज़ादी का मतलब

कौन है क़ैद?
कौन आज़ाद?
कैसे तय करें?
कुछ बन्धन
जिन्हें हम
समझते हैं क़ैद
उनसे आज़ाद होकर
पाते हैं खुद को
ठगा सा,
फिर तड़पते हैं
वापस
उन्हीं बन्धनों में
बँधने के लिये,
रह जाते हैं हम
इस मकड़जाल में
उलझकर,
हमें
आज़ादी का मतलब
समझना ही होगा.

6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत खूब आराधनाजी,
    आजादी की परिभाषा को लेकर मन में जो रेखा खिची वो शब्दों के माध्यम से दिल को छु गई!! इस सुन्दर मार्मिक रचना के लिए बधाई!

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  2. 'मुक्ति जी आदाब
    ये व्यवस्था है,
    जिसके संबंध में आपने सवाल उठाये है
    और एक सुन्दर रचना प्रस्तुत की है
    बधाई
    शाहिद मिर्ज़ा शाहिद

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  3. आज़ादी का मतलब
    समझना ही होगा.

    Lagta hai sirf Jo mood me aaye wohi kahne ko hum azadi samjhte hai........

    Bahut hi Pate ki baat kahi hai Mukti aapne....

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  4. यह आग्रह कितना सुन्दर है न -
    ’हमें आजादी का मतलब समझना होगा’।

    इस आजादी के मिलने के बाद समझना रह जाता है क्या कुछ हमारे पास ! या समझने का विवेक ?

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