एक स्त्री के मन से निकले कुछ शब्द, कुछ प्रश्न और तमाम अटपटी-अनकही-अनसुलझी बातें...
बहुत खूब आराधनाजी,आजादी की परिभाषा को लेकर मन में जो रेखा खिची वो शब्दों के माध्यम से दिल को छु गई!! इस सुन्दर मार्मिक रचना के लिए बधाई!
असमंजस !
'मुक्ति जी आदाबये व्यवस्था है, जिसके संबंध में आपने सवाल उठाये हैऔर एक सुन्दर रचना प्रस्तुत की हैबधाईशाहिद मिर्ज़ा शाहिद
आज़ादी का मतलबसमझना ही होगा.Lagta hai sirf Jo mood me aaye wohi kahne ko hum azadi samjhte hai........Bahut hi Pate ki baat kahi hai Mukti aapne....
यह आग्रह कितना सुन्दर है न - ’हमें आजादी का मतलब समझना होगा’। इस आजादी के मिलने के बाद समझना रह जाता है क्या कुछ हमारे पास ! या समझने का विवेक ?
बाजिब बात!
बहुत खूब आराधनाजी,
जवाब देंहटाएंआजादी की परिभाषा को लेकर मन में जो रेखा खिची वो शब्दों के माध्यम से दिल को छु गई!! इस सुन्दर मार्मिक रचना के लिए बधाई!
असमंजस !
जवाब देंहटाएं'मुक्ति जी आदाब
जवाब देंहटाएंये व्यवस्था है,
जिसके संबंध में आपने सवाल उठाये है
और एक सुन्दर रचना प्रस्तुत की है
बधाई
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद
आज़ादी का मतलब
जवाब देंहटाएंसमझना ही होगा.
Lagta hai sirf Jo mood me aaye wohi kahne ko hum azadi samjhte hai........
Bahut hi Pate ki baat kahi hai Mukti aapne....
यह आग्रह कितना सुन्दर है न -
जवाब देंहटाएं’हमें आजादी का मतलब समझना होगा’।
इस आजादी के मिलने के बाद समझना रह जाता है क्या कुछ हमारे पास ! या समझने का विवेक ?
बाजिब बात!
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