रविवार, 22 मार्च 2009

विकल्प

उसने चाही थी स्वतंत्रता
किया संघर्ष
ख़ुद से ,समाज से ,परिवार से
आज वह
स्वतन्त्र है
स्वावलंबी है
पर सुखी नहीं
पूरी तरह सुरक्षित नहीं
क्योंकि वह औरत है
अपने सीमित विकल्पों के साथ ।

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