धूल साथी है
मेहनतकश मजदूरों की, गरीबों की,
बड़े घरों की शानदार बैठकों में
धूल नहीं होती ,
उसे रगड़-रगड़कर
साफ़ कर दिया जाता है,
धूल में होते हैं
अनेक रोगाणु -कीटाणु,
जैसे शहर की झोपड़पट्टियों में पलते
कीड़ों जैसे गंदे-बिलबिलाते लोग
नाक बहाते, थूक गिराते बच्चे,
झोपड़पट्टियाँ...
शानदार शहरों की धूल हैं
इन्हें रगड़-रगड़कर
साफ़ कर देना चाहिए ।
मेहनतकश मजदूरों की, गरीबों की,
बड़े घरों की शानदार बैठकों में
धूल नहीं होती ,
उसे रगड़-रगड़कर
साफ़ कर दिया जाता है,
धूल में होते हैं
अनेक रोगाणु -कीटाणु,
जैसे शहर की झोपड़पट्टियों में पलते
कीड़ों जैसे गंदे-बिलबिलाते लोग
नाक बहाते, थूक गिराते बच्चे,
झोपड़पट्टियाँ...
शानदार शहरों की धूल हैं
इन्हें रगड़-रगड़कर
साफ़ कर देना चाहिए ।
bhaut hi gahre bhaavo se rachi khubsurat rachna....
जवाब देंहटाएंसंसद में तो यही पग धूलि ही पहुँच रही है :)
जवाब देंहटाएंझोपडपट्टियां ,शानदार शहरों की धूल हैं
जवाब देंहटाएंकमाल , अदभुत ..बेहतरीन