उसने चाही थी स्वतंत्रता
किया संघर्ष
ख़ुद से ,समाज से ,परिवार से
आज वह
स्वतन्त्र है
स्वावलंबी है
पर सुखी नहीं
पूरी तरह सुरक्षित नहीं
क्योंकि वह औरत है
अपने सीमित विकल्पों के साथ ।
किया संघर्ष
ख़ुद से ,समाज से ,परिवार से
आज वह
स्वतन्त्र है
स्वावलंबी है
पर सुखी नहीं
पूरी तरह सुरक्षित नहीं
क्योंकि वह औरत है
अपने सीमित विकल्पों के साथ ।
बहुत सुंदर लिखा ... पर अब किसी के लिए भी विकल्प सीमित नहीं रहे।
जवाब देंहटाएंsach hi to kaha hai
जवाब देंहटाएं