शनिवार, 11 जुलाई 2009

महानगर

मन घबराता है,
समझ में नहीं आता कहाँ जायें ?
महानगर के आकाश में
चाँद भी साफ नहीं दिखता,
जिसे देखकर कोई
कविता लिखी जाये.

3 टिप्‍पणियां:

  1. छोटी और अच्छी रचना। लेकिन-

    कविता लिखने के लिए नहीं जरूरी चाँद।
    कलम करे कुछ काम तब हृदय भाव का चाँद

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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