गुरुवार, 9 जुलाई 2009

एक छोटे शहर की लड़की (१)

एक छोटे शहर की लड़की
आँखों में हज़ारों सपने लिए
आती है महानगर में,
अकेली लड़ती है
अपने अस्तित्व को
मिटने से बचाने के लिए,
एक पहचान हो उसकी भी
बस इतना चाहती है,
और इसके लिए
रोज़
एक नया गुर
सीखती जाती है।

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