गुरुवार, 2 अप्रैल 2015

ललटेन

तोहरै मडई
तोहर सिवान
तोहरै बाग
तोहरै दलान
तोहरै चौपाल
खेत-खलिहान

हमार का??? कुछु नाहीं
तोहर कहब
तोहरै सुनब
तोहर लिखब
तोहरै पढ़ब
तोहर समझब
तोहरै बूझब

हमार का?? कुछु नहीं
तोहर पहिनब
तोहरै ओढ़ब
तोहरै घूमब
तोहरै फिरब
तोहरै आइब
तोहरै जाइब

हमार का ?? कुछु नाहीं.
हम तोहरी
मडई कय पुअरा
जी चाहे बिछवा
चाहे त कचरा
हम कबहूँ
सवाल न उठाइब
आगी लगावा
भक् दे बर जाइब

हम तोहरी
ओसारी क ललटेन
साईं इहाँ से
कहवाँ जाइब
कान उमइठा
उठ-ब्इठ लगाइब

सुना तनी
हमै 'हवा' से बचाया
हवा लगी त
भभक उठाईब
खुद जरि चाहे
आगी लगाइब